पड़ोस में रहने वाले लोग एक दूसरे को , लेकिन अब रंगभेद की वजह से पड़ोसी एक-दूसरे से निर्भर है ।
यह स्थिति दिन बाय और भी बिगड़ रही है। हर कोई अपनी समस्याएं को उजागर कर रहा है, परन्तु किसी ने भी इसका हल ।
यह स्थिति बहुत ही बुरी है और हमें इसकी सचेत करनी चाहिए। हम सभी को एकजुट होना check here चाहिए ताकि यह समस्या दूर हो सके।
नजदीकी पड़ोस में बढ़ रही है दुश्मनी
एक समय था जब पड़ोसी की दुकान पर चाय पीने का मज़ा आता था। शुरूआती नफरत भरा देख-रेख भी करते थे।
किसी का कोई काम सुनाई देता तो मदद मिल जाती, आजकल तो कुछ ही लोग अपने पड़ोसियों के लिए जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं। यह हालत हुई हो चुकी है संगरोध में ।
अपनी-अपनी जगहों पर रहकर भी, आज पड़ोसी एक दूसरे से नफरत फैला रहे हैं। यह सब तो इसलिए है क्योंकि हर कोई खुद की ही परवाह करता है।
उनके बच्चों को भी अब यह पसंद नहीं आता है कि कैसे दोस्ती और भाईचारा होना चाहिए।
Unemployed युवक जेल जाने से पहले मचाई हड़कंप
एक अनोखी घटना घटी है जो हर किसी को हैरान कर देती है। शहर के एक महिला ने, जिसे लंबे समय से {नौकरी{ की तलाश थी, एक धोखा देने वाला बन गया और जेल जाने से पहले उसने सबको डराया। उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को काफी {मेहनत करनी पड़ी|श्रम करना पड़ा।
उसके बेशर्म कदमों से पता चलता है कि युवा पीढ़ी में भी {उदासी{ और {निराशा{ बढ़ रही है। सरकार को इस समस्या का समाधान ढूंढना होगा और {युवकों{ को नौकरी मिलना चाहिए।
नए पड़ोस में उठे हुए जातिवाद के कारण बढ़ता चिंता का माहौल
यहाँ एक उभरता हुआ पड़ोस है जहाँ सभी को स्वागत और सर्वसुलभता मिलनी चाहिए। हालाँकि, पिछले कुछ हफ़्तों में रंगभेद की घटनाओं का उदय हुआ है जो समुदाय में हिंसा डाल रहा है। ये घटनाएँ लोगों को चिंतित भी कर रही हैं और उनका सौहार्दपूर्ण संबंध कमजोर कर रही हैं।
विभिन्न समुदायों के सदस्य इस भेदभाव को बढ़ावा दे रहे हैं, जो एक संवेदनशील मुद्दा है। हमें यह याद रखना चाहिए कि हम सभी एकसाझा समुदाय में हैं और हमें एक-दूसरे का भरोसा करना चाहिए।
यह ज़रूरी है कि हम इस मुद्दे को ध्यान से देखें और साथ मिलकर समावेशी समुदाय बनाने के लिए काम करें।
पड़ोसी संगरोध में बढ़ रहा है संघर्ष, उठ रही हैं गंभीर चिंताएँ
यह कोरोना वायरस महामारी का काल होता जा रहा है और हमारे आस-पास रहने वालों में तनाव बढ़ रहा है ।
पहले तो यह एक सामान्य स्थिति थी , लेकिन अब जल्दी हो रहा है , लोग परेशान हो रहे हैं।
इसके कई कारण हैं . सबसे बड़ा कारण सामाजिक दूरी का अभाव है । लोग एक-दूसरे पर शक करते हैं और एक दूसरे से दूर रहना पसंद कर रहे हैं।
क्या हम इससे निपट सकते हैं? यह एक मुश्किल सवाल है जिसका जवाब बहुत सरल नहीं है। लेकिन कुछ चीजें ज़रूर करनी पड़ेंगी ताकि यह संघर्ष बढ़कर हमारे आपसी विश्वास को कमजोर न करे .
रंगभेद: प्रियजनों का साथ छोड़ने लगे पड़ोसियों ने
एक समय था जब पड़ोस आपस में इतने जुड़े थे कि एक दूसरे की हर मुश्किल के समय मदद करने में हाथ बढ़ाते थे. परन्तु आजकल रंगभेद ने इस प्यार को नष्ट कर दिया है. इस समय पड़ोसियों ने अपने ही प्रियजनों का साथ छोड़ने लग गए हैं.
- वे रंग के आधार पर एक दूसरे से अलग-थलग सोचते हैं.
- ये बहुत दुखद है. हमें एक दूसरे का साथ देना चाहिए और रंगभेद से लड़ना चाहिए.